अकरकरा

विश्वभर में कई ऐसी जड़ी-बूटियां हैं, जो शरीर के लिए फायदेमंद मानी गई हैं। इनमें अश्वगंधा, अर्जुन की छाल और मुलेठी जैसे नाम शामिल हैं। वहीं एक और जड़ी-बूटी है, जिसे शरीर के लिए फायदेमंद माना गया है। इस जड़ी-बूटी का नाम है अकरकरा। यह कई औषधीय गुणों से समृद्ध होता है, जिस वजह से इसे सेहतमंद माना जाता है। यह किस तरह से स्वास्थ्य लाभ पहुंचा सकता है और शारीरिक समस्याओं से बचाने में मदद करता है|

अकरकरा क्या होता 

अकरकरा बारहमासी जड़ी-बूटी है, जो हिमालयी क्षेत्र में पाई जाती है। इसका वैज्ञानिक नाम   एनासाइक्लस पायरेथ्रम (Anacyclus Pyrethrum) है। इस पौधे की जड़ें थोड़ी सुगंधित और स्वाद में तीखी होती हैं। अकरकरा के पौधे और जड़ को इसमें मौजूद औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। पौधे के अन्य भागों से अधिक इसकी जड़ का इस्तेमाल किया जाता है। यह जड़ कई तरह की आयुर्वेदिक medicines बनाने में काम आती है।

अकरकरा के फायदे 

अकरकरा के फायदे कई हो सकते हैं, जिसके बारे में हम नीचे विस्तार से बता रहे हैं। बस ध्यान दें कि अकरकरा किसी गंभीर बीमारी का इलाज नहीं, बल्कि समस्या के प्रभाव को कम करने में वैकल्पिक रूप से मददगार हो सकता है।

1. अपच (indigestion)

अकरकरा के फायदे में अपच को ठीक करना भी शामिल है। कहा जाता है कि अकरकरा पाचन को बेहतर करने में मदद कर सकता है। एक स्टडी के मुताबिक अकरकरा की जड़ें लार (saliva) और अन्य डाइजेस्टिव जूस के स्राव (secration)को उत्तेजित कर पाचन में मदद कर सकती हैं। साथ ही यह पेट की गैस से भी राहत दिलाता है।

2. अर्थराइटिस (arthritis)

गठिया से भी राहत दिलाने में अकरकरा चूर्ण मदद कर सकता है। इसका कारण है अकरकरा में मौजूद  एंटीअर्थरिटिक प्रभाव। बताया जाता है कि यह ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करके गठिया के लक्षण  कम कर सकता है।  अकरकरा मे एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीनॉसिसेप्टिव गुणों के बारे में पता चलता है, जो गठिया से होने वाली सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं।

3. पैरालिसिस (Paralysis)

दुनियाभर में पैरालिसिस के लिए अकरकरा का इस्तेमाल सालों से किया जा रहा है|अकरकरा मैस्टिकेटरी (भोजन चबाने वाली प्रक्रिया) को सक्रिय कर सकता है, जिसे जीभ और गले की मांसपेशियों के पैरालिसिस में लाभकारी माना जाता है| इसे पैरालिसिस के लिए टोनिक माना जाता है|

4. बुखार के लिए

बुखार में भी अकरकरा चूर्ण फायदेमंद होता है। एक शोध में कहा गया है कि सालों से टाइफस बुखार (बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से होने वाला) में अकरकरा का इस्तेमाल किया जाता है। दरअसल, इसमें एंटी-वायरल और एंटी-बैक्टीरियल प्रभाव होते हैं, जिस वजह से यह बुखार कम करने मे काफी लाभदायक है । इसी वजह से हल्के बुखार में अकरकरा के सेवन की सलाह दी जाती है।

5. याददाश्त को बढ़ाने के लिए

अकरकरा में मेमोरी बढ़ाने वाली गतिविधि होती है। इसी वजह से इसका इस्तेमाल याददाश्त बढ़ाने के लिए किया जा सकता है। दरअसल, अकरकरा का इथेनॉलिक अर्क मस्तिष्क के कोलिनेस्टरेज (Cholinesterase) के स्तर में वृद्धि करके स्मृति में सुधार कर सकता है। कोलिनेस्टरेज एक प्रकार का एंजाइम होता है, जो सेंट्रल नर्वस सिस्टम, नर्वस टिश्यू, मांसपेशियों व रेड सेल्स में पाया जाता है।

 

6. हिचकी

हिचकी को कम करने में भी अकरकरा चूर्ण का इस्तेमाल किया जा सकता है (9)। हिचकी आने पर आधा चम्मच अकरकरा चूर्ण और शहद का मिश्रण फायदा पहुंचा सकता है। फिहलाह, वैज्ञानिक शोध में यह बात स्पष्ट नहीं है कि अकरकरा का कौन-सा गुण हिचकी को रोकने में सहायक होता है।

7. दांतों के लिए

दांतों को समस्याओं से दूर रखने के लिए भी इस आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी अकरकरा का इस्तेमाल किया जा सकता है। अकरकरा में सियालगॉग (लार बनाने वाला) प्रभाव होता है, जो दांत दर्द से आराम दिला सकता है। यह डेंटल केरिज, दांतों का ढीलापन और पायरिया से राहत दिलाने में भी मदद कर सकता है। इसी वजह से हर्बल टूथपेस्ट में भी अकरकरा चूर्ण का इस्तेमाल किया जा सकता है।

8. हल्के चक्कर और सुस्ती को दूर करने के लिए

हल्के चक्कर आना और सुस्ती से परेशान हैं, तो अकरकरा का सेवन किया जा सकता है। लोक मान्यता है कि सुस्ती दूर करने और हल्के चक्कर आने की समस्या से निजात पाने के लिए शहद में थोड़ा अकरकरा चूर्ण मिलाकर खा सकते हैं। फिलहाल, इस संबंध में कोई सटीक और स्पष्ट शोध उपलब्ध नहीं है।  

9. मासिक धर्म की समस्या

अकरकरा अनियमित और देरी से होने वाली महावारी की समस्या को कम कर सकता है। साथ ही रुके हुए मासिक धर्म को भी ठीक करने में सहायक माना जाता है। दरअसल, अकरकरा एम्मेनागॉग (Emmenagogue) की तरह कार्य करता है, जो मेंस्ट्रुअल फ्लो को बढ़ाने का काम कर सकता है|

अकरकरा पाउडर के लाभ के बाद लेख के अगले भाग में हम अकरकरा के उपयोग के बारे में बता रहे हैं।

अकरकरा का उपयोग – 

अकरकरा के फायदे जानने के बाद इसके उपयोग से जुड़ी जानकारी का होना भी जरूरी है। इसी वजह से नीचे हम अकरकरा के उपयोग के बारे में बता रहे हैं।

  • अकरकरा का उपयोग पाउडर और चूर्ण के रूप में पानी के साथ किया जा सकता है।
  • इसके पाउडर व चूर्ण को शहद के साथ सेवन कर सकते हैं।
  • अकरकरा की जड़ का सीधे सेवन भी किया जा सकता है।
  • मार्केट में अकरकरा की कैप्सूल भी उपलब्ध है, उनका भी सेवन डॉक्टरी परामर्श पर किया जा सकता है।
  • अकरकरा के पाउडर से मसूड़ों की मसाज भी की जा सकती है।

अकरकरा लेने से पहले की सावधानियां

अकरकरा पाउडर के लाभ माना कई हैं, लेकिन इसके सेवन से पहले कुछ बातों का खास ख्याल रखा जाना चाहिए। क्या हैं अकरकरा से जुड़ी सावधानियां नीचे जानें –

  • अकरकरा का सेवन संयमित मात्रा में करना चाहिए। ज्यादा सेवन से अकरकरा के नुकसान हो सकते हैं।
  • अकरकरा में ड्यूरेटिक प्रभाव होता है, जिस की वजह से बार-बार पेशाब आ सकता है
  • इसके सेवन से कुछ लोगों को एलर्जी का खतरा भी हो सकता है। इसी वजह से पहले थोड़ी मात्रा में ही खाए, जिससे यह पता चल सके कि इससे एलर्जी होती है या नहीं।

अकरकरा की खुराक 

एनासाइक्लस पायरेथ्रम का सेवन 175 mg और 550 mg प्रति किलो वजन को सुरक्षित मात्रा बताया गया है। वहीं, अकरकरा की अधिकतम खुराक 2000 mg प्रति किलो वजन भी सेवन के लिए सुरक्षित मानी गई है। व्यक्ति अपने शरीर की जरूरत के अनुसार इसका सेवन ऊपर बताई गई मात्रा या फिर इनके बीच की मात्रा में कर सकता है (1)। इसके अलावा, इस विषय में डॉक्टरी परामर्श भी लिया जा सकता है।

अकरकरा के नुकसान 

अकरकरा के फायदे और नुकसान दोनों हो सकते हैं। नीचे हम अकरकरा के नुकसान के बारे में बता रहे हैं, जो इसके अधिक सेवन के कारण हो सकते हैं(1) –

  • गर्भावस्था में इसका सेवन सुरक्षित है या नहीं यह स्पष्ट नहीं है। इसी वजह से प्रेगनेंसी में इसके सेवन की सलाह नहीं दी जा सकती है।
  • ड्यूरेटिक प्रभाव की वजह से अकरकरा का सेवन रात में न किया जाए, तो बेहतर होगा। अन्यथा रात भर पेशाब के लिए उठना पड़ेगा और नींद पूरी नहीं हो पाएगी।
  • जैसा कि हम ऊपर बता ही चुके हैं कि अकरकरा लार अधिक बना सकता है, तो रात के समय सेवन करने से मुंह से लार छूट सकती है।
  • हम पहले भी बता चुके हैं कि यह मेंस्ट्रुअल फ्लो को बढ़ा सकता है। इसी वजह से पीरियड्स के दौरान इसके सेवन से बचाना चाहिए। अन्यथा अधिक ब्लड लॉस हो सकता है।

अकरकरा के बारे में आप विस्तार से जान चुके हैं। इसके इस्तेमाल से जुड़ी सावधानियों को ध्यान में रखकर ही इसका उपयोग करें। साथ ही अकरकरा के उपयोग के तरीके पर एक नजर डालकर ही इसका इस्तेमाल करना बेहतर होगा। भले ही इसके नुकसान गंभीर नहीं हैं, लेकिन इसके सेवन से पहले इसकी मात्रा पर खास ध्यान दें। किसी भी जड़ी-बूटी का फायदा उसका संयमित मात्रा में सेवन करने से ही मिलता है।

By Shivani

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