AYURVEDA

रतौंधी

रतौंधी पान का रस लगाने से रतौंधी और आँखों के सफेद भाग के रोग दूर हो जाते हैं| केले के पत्तों का रस नेत्रों में लगाने से रतौंधी मिटती है | हुक्के के नहचे का काला तेल नेत्रों में लगाने से रतौंधी दूर हो जाती है | दही के तोड़ में थूक मिलाकर नेत्रों में लगाने से रतौंधी दूर होती है | पुनर्नवा की जड़ को काँजी के पानी के साथ घिसकर नेत्रों में लगाने से आराम मिलता है | तुलसी के पत्तों का स्वरस दिन में तीन बार नेत्रों में डालने से रतौंधी में आराम मिलता है |  …
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नेत्रों की लाली

नेत्रों की लाली खून की नसों में सूजन या जलन की वजह से आंख के सफ़ेद हिस्से वाली सतह का लाल हो जाना. इसे आम तौर पर लाल आंख कहा जाता है| common causes of eye redness आंखें किसी बीमारी के अलावा और भी वजहों से लाल हो सकती हैं| आंखें मलना, नींद की कमी, लंबे समय तक स्क्रीन देखना, swimming pool ) या धुंए के संपर्क में आना इन वजहों में शामिल हैं| मुलहठी को पानी में पीसकर रुई भिगो लें | इसका फाहा नेत्रों पर बाँधने से नेत्रों की सुर्खी दूर जाती है | बबूल के कोमल पत्तों…
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नेत्र-स्त्राव (ढलका)

नेत्र-स्त्राव (ढलका) नेत्र स्राव क्या है? आंखों का स्राव आंखों से आंसू के अलावा तरल पदार्थ या अन्य पदार्थों का स्राव है। आँखों से स्राव कई प्रकार की स्थितियों के कारण हो सकता है जो सीधे आँखों को प्रभावित करती हैं या ऐसी स्थितियाँ जो पूरे शरीर को प्रभावित करती हैं, जैसे कि सामान्य सर्दी। आंखों का स्राव आमतौर पर एलर्जी या संक्रमण के कारण होता है। हालांकि आंखों से स्राव होने के अधिकांश कारण महत्वपूर्ण नहीं होते हैं, अगर आपको क्रोनिक या अत्यधिक नेत्र स्राव है, जैसे कि ऐसा स्राव जिससे आपकी आंखें खोलना मुश्किल हो जाता है| ज्यादातर…
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नेत्र-रोगों से रक्षा

नेत्र रोगों से रक्षा  तिल के ताजे 5 फूल प्रतिदिन प्रात:काल 10 दिन तक निगलें, तो पूरे वर्ष आँखें नहीं दुखेंगी | चैत्र के महीने में प्रतिवर्ष ‘गोरखमुण्डी’ के 5 या 7 ताजे फूल चबाकर पानी के साथ खाने से आँखों की ज्योति बढ़ती है | एक सप्ताह के बच्चे को बेलगिरी के बीच की मिंगी शहद में मिलाकर चटाने से जीवनभर आँखें नहीं दुखतीं | नीबू का एक बूँद रस महीने में एक बार आँखों में डालने से कभी आँखे नहीं दुखतीं | उपचार  देवदारु के चूर्ण को बकरी के मूत्र की भावना देकर, घी के साथ लेने से…
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नेत्र-रोग-नाशक उपाय 

                                                        नेत्र रोग नाशक उपाए         कारण खुले स्थान में अधिक देर तक स्नान करना, सूक्ष्म और दूर की वस्तु को बहुत देर तक देखना, रात में जागना और दिन में सोना, आँखों में धूल, धुँआ और मिट्टी पड़ जाना, धूप में गरम हुए पानी से मुँह धोना, पौष्टिक खाद्य का अभाव, चाय और वनस्पति-घी का उपयोग अधिक करना आदि कारणों से नेत्रों के रोग उत्पन्न होते हैं|      …
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नेत्र-ज्योति

                          नेत्र ज्योति  निर्मली के बीजों को ठण्डे पानी में लगाने से ज्योति बढ़ती है | प्रतिदिन रसौत का अंजन लगाने से दृष्टि तेज होती है | कालीमिर्च 1 माशा, छिली हुई हल्दी 3 माशा, गीली हरड़ का छिलका 2 माशा लेकर, गुलाबजल या पानी में घोंटकर आँखों में लगाने से ज्योति बढ़ती है | चमेली के फूलों की डंडी और मिश्री समान भाग लेकर खरल करके आँखों में लगाने से ज्योति तीव्र होती है | लाल चन्दन घिसकर कनपटी और आँखों के ऊपर लेप करने से भी…
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नकसीर या नाक से खून बहना 

                                      नकसीर या नाक से खून बहना  दाख और अंगूर के रस की नस्य देने से नाक की नकसीर बन्द हो जाती है | नीम के पत्ते और अजवायन को बारीक पीसकर कनपटियों पर लेप करें, नकसीर नहीं चलेगी | अफीम और गोदरु के गोंद को समान भाग लेकर पानी में पीस लें | इसे सूँघने से नकसीर बन्द हो जाती है | सूखे आँवलों को पानी में भिगो दें, नरम होने पर पीसकर टिकिया बना लें | इसे सिर के तालु…
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ACIDITY

                                                 आयुर्वेद के जरिए निपटिए हाइपर एसिडिटी से   आयुर्वेद के जरिए निपटिए हाइपर एसिडिटी से  देर रात तक जागना, सुबह देर तक सोये रहना, बीड़ी-सिगरेट, तम्बाकू, चाय-काफी तथा फास्टफूड का बेहिसाब सेवन आधुनिक जीवन शैली के अंग हैं| जिस कारण हम कई रोगों के शिकार हो जाते हैं। हाइपर एसिडिटी या अम्लपित्त वर्तमान समय में सबसे अधिक पाए जाने वाले रोगों में से एक है, तो दोषपूर्ण जीवन शैली की उपज होता है। आज के दौर…
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मिर्गी अपस्मार नाशक औषधियाँ

मिर्गी अपस्मार नाशक औषधियाँ 1. अगस्त वृक्ष के पत्ते और कालीमिर्च को गाय के मूत्र के साथ पीसकर नाक सूँघने से मिर्गी रोग शीघ्र ही मिट जाता है। 2. बाँझ ककोड़ा की जड़ के रस में घी तथा शक्कर मिलाकर सूँघने से मिर्गी रोग दूर हो जाता है। 3. कोहली, ब्राही, शंखपुष्पी, साँठी, तुलसी और शहद मिलाकर पीने से मिर्गी आना रुक जाता है। 4. अपस्मार मिटाने के लिए घतूरे के पत्तों का रस रोग की तीव्रता के अनुसार देना चाहिए। 5. आक की जड़ की छाल को बकरी के दूध में घिसकर नाक में टपकाने से मिर्गी रोग नष्ट…
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ajwain (carom seeds)

ajwain (carom seeds)

अजवाइन (carom seeds) अजवाइन हमारे देश् के लगभाग प्रत्येक प्रान्त में पायी जाती हैं। इसकी खेती काफी अधिक की जाती हैं। इसके काफी मोटे-मोटे गुद्वा वाले पत्ते होते हैं। दूर से धनिये के बडे पत्तें लगतें हैं। परंतु इसके पत्तें चारो ओर से काटेंदार होते हैं। बिना ज्यादा पानी के भी यह पौधा चल जाता हैं इसका plant  केवल 1 से 3 फीट तक होता हैं। इसका  एक bitter pungent taste  होता हैं। इसकोancient  time से ही एकayurvedic medicine की तरह प्रयोग में लाया जाता हैं। यह हम सभी रसोई के मसालो shelves में मिल जाएगी। यह केवल अपने स्वाद…
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