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नेत्रों की लाली

नेत्रों की लाली खून की नसों में सूजन या जलन की वजह से आंख के सफ़ेद हिस्से वाली सतह का लाल हो जाना. इसे आम तौर पर लाल आंख कहा जाता है| common causes of eye redness आंखें किसी बीमारी के अलावा और भी वजहों से लाल हो सकती हैं| आंखें मलना, नींद की कमी, लंबे समय तक स्क्रीन देखना, swimming pool ) या धुंए के संपर्क में आना इन वजहों में शामिल हैं| मुलहठी को पानी में पीसकर रुई भिगो लें | इसका फाहा नेत्रों पर बाँधने से नेत्रों की सुर्खी दूर जाती है | बबूल के कोमल पत्तों…
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नेत्र-स्त्राव (ढलका)

नेत्र-स्त्राव (ढलका) नेत्र स्राव क्या है? आंखों का स्राव आंखों से आंसू के अलावा तरल पदार्थ या अन्य पदार्थों का स्राव है। आँखों से स्राव कई प्रकार की स्थितियों के कारण हो सकता है जो सीधे आँखों को प्रभावित करती हैं या ऐसी स्थितियाँ जो पूरे शरीर को प्रभावित करती हैं, जैसे कि सामान्य सर्दी। आंखों का स्राव आमतौर पर एलर्जी या संक्रमण के कारण होता है। हालांकि आंखों से स्राव होने के अधिकांश कारण महत्वपूर्ण नहीं होते हैं, अगर आपको क्रोनिक या अत्यधिक नेत्र स्राव है, जैसे कि ऐसा स्राव जिससे आपकी आंखें खोलना मुश्किल हो जाता है| ज्यादातर…
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नेत्र-रोगों से रक्षा

नेत्र रोगों से रक्षा  तिल के ताजे 5 फूल प्रतिदिन प्रात:काल 10 दिन तक निगलें, तो पूरे वर्ष आँखें नहीं दुखेंगी | चैत्र के महीने में प्रतिवर्ष ‘गोरखमुण्डी’ के 5 या 7 ताजे फूल चबाकर पानी के साथ खाने से आँखों की ज्योति बढ़ती है | एक सप्ताह के बच्चे को बेलगिरी के बीच की मिंगी शहद में मिलाकर चटाने से जीवनभर आँखें नहीं दुखतीं | नीबू का एक बूँद रस महीने में एक बार आँखों में डालने से कभी आँखे नहीं दुखतीं | उपचार  देवदारु के चूर्ण को बकरी के मूत्र की भावना देकर, घी के साथ लेने से…
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नेत्र-रोग-नाशक उपाय 

                                                        नेत्र रोग नाशक उपाए         कारण खुले स्थान में अधिक देर तक स्नान करना, सूक्ष्म और दूर की वस्तु को बहुत देर तक देखना, रात में जागना और दिन में सोना, आँखों में धूल, धुँआ और मिट्टी पड़ जाना, धूप में गरम हुए पानी से मुँह धोना, पौष्टिक खाद्य का अभाव, चाय और वनस्पति-घी का उपयोग अधिक करना आदि कारणों से नेत्रों के रोग उत्पन्न होते हैं|      …
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नेत्र-ज्योति

                          नेत्र ज्योति  निर्मली के बीजों को ठण्डे पानी में लगाने से ज्योति बढ़ती है | प्रतिदिन रसौत का अंजन लगाने से दृष्टि तेज होती है | कालीमिर्च 1 माशा, छिली हुई हल्दी 3 माशा, गीली हरड़ का छिलका 2 माशा लेकर, गुलाबजल या पानी में घोंटकर आँखों में लगाने से ज्योति बढ़ती है | चमेली के फूलों की डंडी और मिश्री समान भाग लेकर खरल करके आँखों में लगाने से ज्योति तीव्र होती है | लाल चन्दन घिसकर कनपटी और आँखों के ऊपर लेप करने से भी…
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नकसीर या नाक से खून बहना 

                                      नकसीर या नाक से खून बहना  दाख और अंगूर के रस की नस्य देने से नाक की नकसीर बन्द हो जाती है | नीम के पत्ते और अजवायन को बारीक पीसकर कनपटियों पर लेप करें, नकसीर नहीं चलेगी | अफीम और गोदरु के गोंद को समान भाग लेकर पानी में पीस लें | इसे सूँघने से नकसीर बन्द हो जाती है | सूखे आँवलों को पानी में भिगो दें, नरम होने पर पीसकर टिकिया बना लें | इसे सिर के तालु…
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पेट दर्द और घरेलू उपाये

                                            पेट दर्द और घरेलू उपाये ♣   थोड़ी सी हींग, एक चम्मच पानी में उबाल कर नाभि में लगाने से आराम होगा। ♣   25 ग्राम संतरे के रस में 2 ग्राम भुनी हुई हींग मिला कर पीने से पेट दर्द में तत्काल आराम मिलेगा। ♣   जीरे में चूना मिलाकर फाँकने से आराम मिलेगा। ♣  तुलसी अदरक का रस बराबर मात्रा में लेकर गुनगुना करके पीने से पेट दर्द दूर होगा। ♣    हरड़ को घिस कर गरम पानी के…
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होंठ फटने पर

                                              होंठ फटने पर ♣  होठो पर ग्लिसरीन मलें। ♣  घी को जरा गरम करके उसमे चटकी भर नमक मिला कर होंठ और नाभि पर मले। होठों का फटना बंद हो जायेगा। ♣   दवाइयों में काम आने वाले मोम को हथेलियों में मल कर जरा सेक कर चेहरे और होठों पर मले। ♣   दूध की मलाई में नीबू का रस निचोड़ कर होठों पर धीरे-धीरे मले। ♣     नाभि से सरसों का तेल लगाने से होठ मुलायम बने…
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बिवाइयां होने पर

                                                   बिवाइयां होने पर ♦ देशी घी को गरम कर उसमें नमक मिला कर पैरों की बिवाइयां पर मलें। थोड़ी सी चिरमिराहट होगी और 4-5 दिनों में ही आराम हो जायेगा। ♦  बिवाइयों में शलगम को रगड़े आराम मिलेगा। ♦  सरसों का तेल मलें। ♦  देशी पीला मोम, नारियल या तिल्ली के तेल को गरम हल्का-हल्का मलें। ♦  मेहदी लगाये। ♦  कच्चा प्याज पीस कर बांध देने से बिवाइयाँ सदा के लिए मिट जाती है।  …
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मधुमेह का शमन

                                                    मधुमेह का शमन ♣  बिल्वपत्र (बेल पत्र) स्वरस में यवक्षार की बराबर मात्रा मिला कर प्रतिदिन सुबह-शाम सेवन करे तो 25-30 दिनों में शर्करा की मात्रा घट जायेगी। इसका दो महीने तक   निरंतर प्रयोग करने से मधुमेह पूरी तरह खत्म हो जायेगी। ♣  जामुन की गुठली और हरिप्रा को बराबर मात्रा में लेकर कूट पीस कर चूर्ण बनाकर शहद के साथ चाटें अथवा 1/2 चम्मच छाछ के साथ पिये। मधुमेह कितना भी भयंकर हो…
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