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पित का दुश्मन अदरक

पित का दुश्मन अदरक ♦  प्रायः पित्र प्रकृति वाले लोगों को पित्र की शिकायत रहती है। वैसे भी खान-पान में गड़बड़ी हो जाने पर पित्र भड़क जाता है। इसके शमन हेतु निम्न उपाए है। ♦  अदरक के रस में पुदीने का रस बराबर मात्रा में लेकर दिन में 3-4 बार सेवन करें। ♦  अदरक और शहद (अदरक का रस) बराबर मात्रा में सुबह शाम चाटें। ♦  अदरक के रस में थोड़ा सा सेंधा नमक और भुना हुआ जीरा डालकर सुबह शाम सेवन करें। ऊपर से आधा गिलास छास पी लें। parth  shivani
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गला बैठ जाने पर

            गला बैठ जाने पर ♦   रात को सोते समय 11-12 काली मिर्च बताशें के साथ चबा कर ऊपर से कपड़ा ओढ़कर सो जाये, सर्दी जुकाम से बैठा हुआ गला साफ हो जाता है। ♦   गरम पानी में नमक डालकर गरारा करें। ♦    शलगम को पानी में उबाल कर पीने से गले खशश मिट जाती है। ♦   आधा ग्राम हींग गरम पानी में डालकर गरारा करें, जुकाम से बैठा गला साफ हो जायेगा। ♦   एक गिलास गरम पानी में डेढ़ चम्मच शहद डालकर गरारा करने से बैठा गला साफ हो जाता है। और आवाज…
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सर्दी में कानों में कुलबुहाट

♦सर्दी में कानों में कुलबुहाट    कभी-कभी और सर्दियों में तो प्रायः कानों में भनभनाहट और सिटी बजने जैसी ध्वनि गूंजने लगती है। कानों में उत्पन्न होने वाली कुलबुलहट को दूर करने हेतू  : ♦    सरसों के तेल में लहसुन की एक कली भून कर उस तेल की 2 3 बुँदे कान में टपकाये। ♦    प्याज के रस को थोड़ा सा गर्म करके कानों में टपकाये। 4 5 बूंदें। ♦   गुड़ को घी में मिला कर गरम करके भोजन के साथ लेने से लाभ होगा। ♦   तुलसी के पत्तों के पत्तों का रस गरम करके दो-तीन बूंदे निरन्तर…
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मसूढ़ों और दांतों का दर्द

                                       ♦मसूढ़ों और दांतों का दर्द ♦  अजवाइन को तवे पर जला कर पीस लें। इसमें राई के तेल की दो-तीन बुँदे डाल कर हल्का-हल्का मसूढ़ों पर मले और दाँतों का मंजन करे इस उपाय से मसूढ़ों के   रोग समाप्त होते है। और दांत भी साफ होते है। ♦  70-80 ग्राम गाजर का रस प्रतिदिन पीने से मसूड़ों और दांतो के विभिन्न रोगो में लाभ होता है ♦  मेहँदी के पत्तो को उबाल कर उस पानी से सुबह शाम कुल्ला करने से…
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कुकर खांसी के रोग में

                                    कुकर खांसी के रोग में ♦  कुकर खाँसी  संक्रामक रोग है। एक शिशु के होने के सम्पर्क में आने वाले अन्य बालकों को भी यह रोग लग जाता है। कुकर खाँसी में शिशु बड़ा परेशान हो जाता है।      उसकी आंखे लाल हो जाती है। छाती फूल जाती है। चेहरे पर तनाव आ जाता है। कभी-कभी इस रोग में ग्रस्त बच्चों (निर्बल बच्चों) की मृत्यु तक हो जाती है। इस रोग     शमन के लिए अब इंजेक्शन भी उपलब्ध है। इस…
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पेट के कीड़ों क सफाई केवल छाछ मात्र से

                                     पेट के कीड़ों क सफाई केवल छाछ मात्र से ♣    आपके घर का कोई भी सदस्य पेट के कीड़ो से ग्रस्त है, और बराबर इलाज कराने पर भी कीड़ों से मिक्ति नहीं मिल पा रही है। ♣    तो आप उसे दिन में तीन चार बार छाछ पिलायें। छाछ में भुना हुआ जीरा थोड़ी नमक और पीसी काली मिर्च डाल सकते है। ♣    आप देखोगे कि एक सप्ताह के भीतर ही अंतड़ियों में छिपे हुए कीड़े बाहर निकल आयेंगे।  …
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मासिक धर्म में रुकावट होने पर

                                       मासिक धर्म में रुकावट होने पर ♣    तुलसी के 10 गर्म बीज पानी में उबाल कर पीने से मासिक धर्म साफ हो जाता है। किसी तरह का अवरोध नहीं रहता। ♣    नीम की कोपलों को पानी में उबाल कर फिर उसे छान कर 2-3 बार पीने से बंद हुआ मासिक धर्म प्रारम्भ हो जाता है। ♣    गुड़ में काले तिल को उबाल कर तीन चार दिन तक पीने से मासिक धर्म खुल कर आने लगता है। ♣   …
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हिचकी आने पर

                                                हिचकी आने पर   ♣  हिचकी लेने वाले का ध्यान बंटा लें। उसका ध्यान अन्य किसी बात में लगाने पर वह अपने आप बंद हो जाएगी। ♣   इलाइची का सेवन करे। ♣  सोंठ को पानी में घिस कर सूंघने से तत्काल हिचकी बंद हो जाती है। ♣  मूली के पत्ते चबाने से हिचकी बंद हो जाएगी।   PARTH SHIVANI
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सर्दी में कानों में कुलबुहाट

सर्दी में कानों में कुलबुहाट कभी-कभी और सर्दियों में तो प्रायः कानों में भनभनाहट और सिटी बजने जैसी ध्वनि गूंजने लगती है। कानों में उत्पन्न होने वाली कुलबुलहट को दूर करने हेतु| सरसों के तेल में लहसुन की एक कली भून कर उस तेल की 2 3 बुँदे कान में टपकाये। प्याज के रस को थोड़ा सा गर्म करके कानों में टपकाये। 4 5 बूंदें। गुड़ को घी में मिला कर गरम करके भोजन के साथ लेने से लाभ होगा। तुलसी के पत्तों के पत्तों का रस गरम करके दो-तीन बूंदे निरन्तर 3-4 दिनों तक कानों में डालें। यदि कान…
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मिर्गी अपस्मार नाशक औषधियाँ

मिर्गी अपस्मार नाशक औषधियाँ 1. अगस्त वृक्ष के पत्ते और कालीमिर्च को गाय के मूत्र के साथ पीसकर नाक सूँघने से मिर्गी रोग शीघ्र ही मिट जाता है। 2. बाँझ ककोड़ा की जड़ के रस में घी तथा शक्कर मिलाकर सूँघने से मिर्गी रोग दूर हो जाता है। 3. कोहली, ब्राही, शंखपुष्पी, साँठी, तुलसी और शहद मिलाकर पीने से मिर्गी आना रुक जाता है। 4. अपस्मार मिटाने के लिए घतूरे के पत्तों का रस रोग की तीव्रता के अनुसार देना चाहिए। 5. आक की जड़ की छाल को बकरी के दूध में घिसकर नाक में टपकाने से मिर्गी रोग नष्ट…
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