कुकर खांसी के रोग में

                                    कुकर खांसी के रोग में

♦  कुकर खाँसी  संक्रामक रोग है। एक शिशु के होने के सम्पर्क में आने वाले अन्य बालकों को भी यह रोग लग जाता है। कुकर खाँसी में शिशु बड़ा परेशान हो जाता है।      उसकी आंखे लाल हो जाती है। छाती फूल जाती है। चेहरे पर तनाव आ जाता है। कभी-कभी इस रोग में ग्रस्त बच्चों (निर्बल बच्चों) की मृत्यु तक हो जाती है। इस रोग     शमन के लिए अब इंजेक्शन भी उपलब्ध है। इस रोग के शमन के लिए कुछ घरेलू उपाय बता रहे है।

चने की दाल के बराबर फिटकरी (पीसी हुई) गरम पानी में मिला कर दिन में दो बार पिलाने से लाभ होगा।

लौंग को आग में भून कर शहद में मिला कर खाँसी में शिशु को दिन में तीन-चार चढ़ाये।

तुलसी के पत्ते और काली मिर्च समान भाग में लेकर पीस लें। फिर मुंग की दाल के बराबर चार गोलियाँ बनाकर एक-एक गोली चार बार दें।

कुकर खाँसी से ग्रस्त बच्चें को लहसुन की माला पहनाएं और राई के तेल में लहसुन की एक दो कली भूनकर उसे तेल से बच्चे की छाती पर मालिश करें। तो उसे अवश्य आराम मिलेगा।

♦  नारियल का शुद्ध तेल बिना किसी सुगंध की मिलावट वाला एक के बालक को 4-4 ग्राम चार बार पिलाने से कुकर खाँसी में अवश्य लाभ मिलेगा।

♦  5 बादाम शाम को पानी में भिगो दें। सुबह फिर उन्हें पीस कर एक कली लहसुन को मिला कर पीस लें, और कुकर खाँसी से ग्रस्त शिशुओं को खिलायें। दो- चार दिन में आशातीत लाभ होगा।

♦  काला बांसा के पत्तों को जला कर उसकी रख को शहद के साथ चटाएं।

♦PARTH SHIVANI

By Shivani

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