नहरूआ, बाला, नारू

नहरूआ, बाला, नारू

  • सुहागे को गिलोय के रस में मिलाकर पीने से नारू-रोग मिट जाता है |
  • 3 माशा भुने चने और 3 माशा हिंग को गुलाब के साथ पीसकर चूर्ण बना लें | साथ दिन तक दोनों समय सेवन करें, लोभा होगा |
  • दस माशा शुद्ध सुहागा को गुलाब के तेल में मिलाकर तीन तक खाने से नारू गल जाता है | दवा खाने के बाद चिकनाई-युक्त खाना खायें |
  • दही में कौलोंजी को बारीक पीसकर लेप करने से नारू-रोग मिट जाता है |
  • चौलाई की जड़ पीसकर नारू पर बाँधने से नारू-रोग नष्ट हो जाता है |
  • तेल और पानी उबालकर नारू पर दूर से धार देने से नारू निकल जाता है |
  • पानी में जमालगोटा पीसकर लगाने से नारू मिट जाता है |
  • पुनर्नवा की जड़ को अदरख के रस में पीसकर बाँधने नारू ठीक हो जाता है |
  • सफेद फूल वाले पुनर्नवा की जड़ को उसके जूस में घिसकर लगाने से नारू मिट जाता है |
  • लाख और देशी साबुन पीसकर गरम करके नारू पर लगाने सूजन दूर होती है |
  • बबूल के बीजों के चूर्ण का पानी में पीसकर लगाने से नारू मिट जाता है |
  • सठा के बीजों का चूर्ण और गेंहू का आटा धीमी आग पर पकाकर गुड़ के साथ तीन दिन तक खाने से नारू ठीक हो जाता है |
  • सहजने के बीज, सहजने की जड़ और सेंधानमक काँजी के साथ पीसकर लगाने से स्नायु की पीड़ा शान्त हो जाती है |
  • समुद्रफेन की भस्म सिरके में मिलाकर लगाने से नारू निकल जाता है |

 

By Shivani

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