शिशु का दूबलापन

शिशु का दूबलापन

कई बच्चे दुबले होते है, कुछ भी खा लें उनके शरीर को नहीं लगता। बच्चा दुबला होता है तो रोग का शिकार भी जल्दी हो जाता है, ऐसे में माता-पिता का चिंता करना जायज है।
यदि आपके बच्चे में इस तरह के लक्षण हों तो तुरंत doctor को दिखाएं, यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकता है।
आप अपने बच्चे का दुबलापन दूर करने के लिए यह प्रयोग करें।

साम्रगी:

कलाई वाला चूना 250 ग्राम,

साफ ताजा जल तीन लीटर,

मिट्टी की एक हांडी जिसमें चार लीटर पानी आ सके।

विधि:

हांडी में तीन लीटर पानी डालकर 250 ग्राम चूना डाल दें।

तीन दिन तक इसे ढक्कन से ढंककर रखें और प्रतिदिन 4-6 बार लकड़ी के डंडे से खूब हिला-चला दिया करें।

चोथे दिन उपर को साफ पानी बिना हिलाए नितार लें और मलमल के साफ सफेद कपड़े को चार परत मोड़कर इस कपड़े से पानी को छानकर कांच की बरनी (जार) में भरकर रख लें।

यह पानी एक माह तक खराब नहीं होता। एक माह बाद नया पानी तैयार कर लें।

सेवन की विधि:

एक वर्ष के बच्चे को आधा चम्मच, दो वर्ष के बच्चे को दो चम्मच और इसी क्रम से आयु के अनुसार मात्रा में, उबालकर ठंडा किए हुए दूध को तिगुनी मात्रा में लेकर चूने के पानी के साथ मिलाकर सुबह-दोपहर व शाम को पिलाना चाहिए। यह सूखा रोग या दुबलेपन की बढ़ीया दवा है। दांत या दाढ़ निकलते समय इसका सेवन बहुत उपयोगी रहता है। इस चूने के पानी और दूध का सेवन बड़ी आयु वाले भी कर सकते हैं। यदि आप इतनी परेशानी नहीं उठाना चाहते तो बाजार से कैल्शियम सिरप लाकर एक बड़ा चम्मच सुबह व शाम को पिलाएं, जब तक वह पांच वर्ष का न हो जाए।

नोट

इस होमरेमेडी को किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर से ही सलहा लेने के बाद ही प्रयोग मे लाये |

parth  shivani

 

By Shivani

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