प्रसव पीड़ा
प्रसव पीड़ा का मतलब क्या होता है?
गर्भ में पल रहे शिशु को और प्लेसेंटा को योनि के जरिये बाहर निकालने की प्रक्रिया को प्रसव (लेबर) कहा जाता है। जब गर्भाशय शिशु को बाहर निकालने के लिए संकुचित होता है तो आपको दर्दभरे संकुचन महसूस होंते है। ये संकुचन ही प्रसव के दौरान दर्द का मुख्य कारण होते हैं। इसे प्रसव पीड़ा कहते हैं|
जब प्रसव शुरू होता है तब गर्भवती महिला दर्द का अनुभव करने लगती हैं तो ऐसे में अपनी सांस लेने-छोड़ने की रफ्तार पर ध्यान देने और तेज़ी से सांस लेने से आपको राहत मिलती है। किसी की मदद से यदि गर्भवती महिला पीठ पर हौले से सहला दे तो इससे भी गर्भवती महिला को राहत मिल सकती है|
प्रसव पीड़ा को कम करने के उपाये
- अजाझाड़े की जड़ कमर में बाँधने से प्रसव सुखपूर्वक होता है |
- केले के ऊपर कपूर का चूर्ण डालकर खाने से प्रसव में पीड़ा नहीं होती है |
- सूखे बादाम या बादाम का तेल 9 महीना लगते ही सेवन करने से प्रसव में तकलीफ नहीं होती है |
- गुड़ और गरी खाने से गर्भाशय की पीड़ा मिट जाती है |
- बादाम का तेल 9 महीना लगातार लेने से भी प्रसव में तकलीफ नहीं होती है |
- आज कल yoga का भी ट्रेंड है जिसकी ट्रेनिंग लेने से भी प्रसव पीड़ा नहीं होती |
parth shivani