रुधिर की अधिकता
- बिदारिकंद का चूर्ण-घी और शक्कर मिलाकर अवहेल बनाकर चाटने से रुधिर की अधिकता मिट जाती है |
- पारिजात के पोधे की 3-4 कोपलें और सात कालीमिर्च पीसकर पाने से अधिक रक्त आना रुक जाता है |
- झड़बेरी के पंचागं का काढ़ा बनाकर पीने से अधिक रक्त आना रुक जाता जाता है |
- मूली के बीजों का चूर्ण खाने से मासिक धर्म मिट जाता है |
- नागकेसर का चूर्ण की फंकी लगाने से अधिक रक्त निकलना बन्द हो जाता है|
- बबूल का भूना हुआ गोंद ओर गेरू साढ़े चार माशा लेकर पीस लें | प्रातःकाल चूर्ण खाने से अधिक रक्त बहना बन्द हो जाता है |
- मालती के सूखे फूलों के 6 माशा चूर्ण में शक्कर मिलाकर खाने से अधिक रुधिर आना बन्द हो जाता है |
- कपूर और लाल चन्दन घोटकर कई दिन तक पीने से अधिक रक्त बहना बन्द हो जाता है |
- असगन्ध की चूर्ण में बराबर मात्रा में शक्कर मिलाकर खाने से अधिक रक्त आना बन्द हो जाता है |
- सूखा धनिया 250 ग्राम पानी में उबालकर, आधा पानी रखें | इसे पीने से अधिक रक्त गिरना रुक जाता है |
- मुलहठी 60 ग्राम और 20 ग्राम सोना गेरू को अलग-अलग पीसकर मिला लें | यह 4 ग्राम दवा चावलों के धोवन के साथ दिन में तीन बार लें | केवल सात दिन में ही अधिक रक्त-स्राव होना रुक जाता है |
- दस ग्राम समुन्द्रसोख का चूर्ण बना लें | एक ग्राम दवा ठन्डे के साथ खाने से तीन-चार दिन में ही लाभ मिलता है |
- छ: ग्राम राल 100 ग्राम को मीठे दही में मिलाकर खाने से अधिक रक्त आना बन्द हो जाता है |
- दो-दो ग्राम राई का चूर्ण-सुबह शाम बकरी के दूध के साथ तब तक खाएं, जब तक पचास ग्राम चूर्ण समाप्त न हो जाए |
parth shivani