पलकों के रोग-परवाल, रोहे

पलकों के रोग-परवाल, रोहे

रोहे या कुकरे (ट्रैकोमा),  जीवाणु के कारण से होने वाला एक संक्रामक रोग है। यह संक्रमण पलकों के भीतरी सतह पर खुरदुरापन पैदा करता है। इस खुरदुरेपन की वजह से आँखों में दर्द, आँखों के बाहरी सतह का टूटना और blindness हो सकती है। इसे ग्रैनुलर कंजक्टिवाइटिस एवं ब्‍लाइंडिंग ट्रैकोमा भी कहा जाता है।

यह रोग जिस विषाणु की वजह से होता है वह प्रभावित व्‍यक्ति की आँखों या नाक के प्रत्‍यक्ष एवं अप्रत्‍यक्ष संपर्क से फैल सकता है। यह रोग बड़ों की अपेक्षा बच्‍चों में अधिक होता है। गंदगी, भीड़भाड़ वाली रिहाइश एवं साफ़ पानी व ट्वायलेट की वजह से भी रोग को फैलाती है।

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  • समुद्रफल को घी के साथ घिसकर लगाने से परवाल रोग मिट जाते है |
  • जहरी-नारियल और कौड़ी-मक्खन घिसकर लगाने से आँखों में लगाने से यह रोग दुबारा नहीं होता |
  • परवालों को उखाड़कर, बबूल की पत्तियों का दूध सलाई से आँखों में लगाने से यह रोग दुबारा नहीं होता |
  • बारहसिंगे की सींग घिसकर, परवाल उखाड़कर लगाने से परवाल दुबारा नहीं उगते |
  • परवालों को चिमटी से उखाड़ दें, फिर गेरू को बहुत बारीक पीसकर लगाएं |
  • फिटकरी को पानी में घिस-घिसकर लगाने से परवाल सात दिन में नष्ट हो जाते हैं|

पार्थ शिवानी     

By Shivani

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