जरूरी है बातों को हजम करना

जरूरी है बातों को हजम करना

 

दुनिया मेें प्रत्येक का स्वभाव भिन्न-भिन्न है। कई इस प्रकार के लोग होते हैं। जिनसे किसी का भेद छुपाया नहीं जाता। क्या आपके पेट में भी कोई बात नहीं पचती?
मिसेज ननकानी जो अपनी गॉसिप के लिए पूरे समाज में मशहूर हैं। अचानक किटटी में धीरे से मेरे कानों आकर फुसफुसाने लगी।
‘‘ आपको मालूम है कि मिसेज मित्तल की लडकी सगाई टूट गयी है। फिर सावधान करते हुए कहने लगी कि तुम्हें ही बतला रही हूँ। किसी और को मत बतलाना। फिर उसी दिन हम क्लब गये वहाँ हमारी बातचीत मिसेज शर्मा से हुयी तो उन्होंने भी मिसेज मित्तल की लडकी की सगाई टुटने की खबर सुनायी। हमने पूछा कि यह आपकोें किसने बतलाया तो वह बोली किसने बतलाया था एक ही तो है। जो हमारी सभी की खबर पहुचाती है और यह कहा कि किसी को मत बताना। मिसेज मित्तल की लडकी की यह बात क्लब के प्रत्येक सदस्य को मालूम थी और सभी के घर-घर जाकर यह बात मिसेज ननकानी ने सभी तक पहुँचायी। भेद खुलने पता चला कि बतायी थी। क्योंकि मिसेज ननकानी उनकी पडोसन थी।

बेचारी मिसेज मित्तल जिसको वह अपना मित्र समझ रही हैं। वह उनकी दोस्त न होकर दुशमनों की तरह विश्वासघत कर रही हैं। इस तरह के कई लोग हमारे समाज में पायी जाते हैं। लेकिन कई बार तो लोग सिर्फ मजाक लेने के लिए यह सब करते हैं। लेकिन वो इस बात से अनजान होते हैं कि किसी सीक्रेट को खोलने से या फिर बड़ा-चढ़ा कर बोलने से, बदनाम करने से किसी कि जिन्दगी तक खराब हो सकती है।
कई लोग इस प्रकार के भी होते है जिनका दिमाग जरूरत से ज्यादा चलता हैं। वह इधर-उधर बातें पहुँचाते हैं। वास्तव में यह एक आदत नहीं बल्कि मनोवैज्ञानिक तौर पर बीमारी हैं।

जैसे किसी को काम करने का शौक है तो दूसरों के मामलों व गोपनीयता में घुसकर अपनी व दूसरों की बेइज्जती करना। किसी भी गोपनीय बात को अपने विश्वासनीय मित्र को ही व्यक्ति बताता हैै। परन्तु यह व्यक्ति अगर किसी को भी आपनी गोपनीयता को खोलता है तो वह आपका सच्चा मित्र कदापि नहीं हो    सकता। वह तो आपकी पीठ पीछे धोखा दे रहा है। कोई आपको अपनी गुप्त बात बता रहा है। इसका           मतलब यह होता है कि वह आपसे कोई सलाह मांग रहा है। या फिर उसको आपसे कोई न कोई लाभ                                                                                                     जरूर होगा। नैतिकता के आधार पर हमें किसी का भेद नहीं खोलना चाहिए।

  • एक से यह बात पूरे समाज में फैल जाती है तथा अपने बहुमूल्यों मित्रों से भी हाथ धोना पड़ जाएगा। जो कि किसी प्रकार की गॉसिप से मंहगा पड़ जायेगा। हमेशा यही स्थिति नहीं होती है। कई बार हमें दूसरे की भलाई के लिए भी कई भेद खोलने पड़ते हैं। जो व्यक्ति विशेष की भलाई के लिए होते हैं। मतलब यह हैं कि उन्हें किसी की मदद की सख्त जरूरत हो। परन्तु वह घबराहट व डर की वजह से किसी से वो कोई बात कह पा रहे हो। कामिनी डर के मारे काफी समय से अपनी सहेली को कोई बात बताना चाहती थी। काफी समय बाद उसने अपनी सहेली को बताया कि एक लड़का उसे रोज कॉलेज जाते समय जबरदस्ती करता है तब उसने यह बात उसकी मम्मी को बतलायी जो काफी फायदेमंद साबित हुयी। अगर यह बात कामिनी की मम्मी को नहीं मालूम पड़ती तो क्या होता। आजकल किसी पर भी विश्वास करना अत्यन्त कठिन हो गया है। क्योंकि लोग सदैव अपके भेद को खोलना चाहेगें। वह आपकी खिल्ली उडायेगें। आप क्या करेंगी। आप कुछ नहीं कर सकती। आपको अपने मित्र से जरूर पूछिये कि उसका ऐसा करने से उसे क्या मन्तवय है उससे जरूर पूछें कि यह सब करने से उसे क्या मिला।
  • अब क्या आपकी भविष्य में इस व्यक्ति से क्या कोई दोस्ती रहेगी नहीं ना।
    हमेशा याद रखें कि यदि आप सचमुच किसी के भेद को दूसरों को बताना चाहती हैं तो उसका आपके पास कोई विशेष कारण होना जरूरी है अन्यथा आपको जिल्लत व शर्मिन्दगी उठानी पड़ सकती है। यह परिणम आपको झेलना ही पड़ेगा। ज्यादातर लोग किसी गलत इरादे से दूसरों को भेद नहीं बताते। लेकिन आपके खास मित्र ने ऐसा किया है तो आप अपने मित्र की असली पहचान कर गये। अब बेहतर यही है कि आप भविष्य में दूसरों से ज्यादा अपने उपर विश्वास करें।

              PARTH SHIVANI

By Shivani

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