पित्तज सिरो-पीड़ा

पित्तज सिरो-पीड़ा पहिचान-रोगी का सिर आग की तरह जलने लगता है | नाक में भी दाह (जलन) हो-साथ ही, मस्तक में तेज-शूल सा दर्द हो, वह पित्त के कारण होने वाली मस्तक-पीड़ा होती है | उपचार पित्ज-सिरदर्द वाले रोगी को मिश्री, घी तथा मुलहठी को घोटकर सूँघना हितकर होता है | इमली को पानी में भिगोकर छान लें | इसमें थोड़ी शक्कर मिलाकर पीने से मस्तक-पीड़ा शान्त हो जाती है | बकरी के दूध से मक्खन निकाल कर सिर में मालिश करने से गर्मी के कारण होने वाला सिर-दर्द दूर होता है | सिर को अच्छी तरह ठण्डे पानी से…
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पलकों के रोग-परवाल, रोहे

पलकों के रोग-परवाल, रोहे रोहे या कुकरे (ट्रैकोमा),  जीवाणु के कारण से होने वाला एक संक्रामक रोग है। यह संक्रमण पलकों के भीतरी सतह पर खुरदुरापन पैदा करता है। इस खुरदुरेपन की वजह से आँखों में दर्द, आँखों के बाहरी सतह का टूटना और blindness हो सकती है। इसे ग्रैनुलर कंजक्टिवाइटिस एवं ब्‍लाइंडिंग ट्रैकोमा भी कहा जाता है। यह रोग जिस विषाणु की वजह से होता है वह प्रभावित व्‍यक्ति की आँखों या नाक के प्रत्‍यक्ष एवं अप्रत्‍यक्ष संपर्क से फैल सकता है। यह रोग बड़ों की अपेक्षा बच्‍चों में अधिक होता है। गंदगी, भीड़भाड़ वाली रिहाइश एवं साफ़ पानी व ट्वायलेट की वजह से…
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नेत्रों की लाली

नेत्रों की लाली खून की नसों में सूजन या जलन की वजह से आंख के सफ़ेद हिस्से वाली सतह का लाल हो जाना. इसे आम तौर पर लाल आंख कहा जाता है| common causes of eye redness आंखें किसी बीमारी के अलावा और भी वजहों से लाल हो सकती हैं| आंखें मलना, नींद की कमी, लंबे समय तक स्क्रीन देखना, swimming pool ) या धुंए के संपर्क में आना इन वजहों में शामिल हैं| मुलहठी को पानी में पीसकर रुई भिगो लें | इसका फाहा नेत्रों पर बाँधने से नेत्रों की सुर्खी दूर जाती है | बबूल के कोमल पत्तों…
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नेत्र-स्त्राव (ढलका)

नेत्र-स्त्राव (ढलका) नेत्र स्राव क्या है? आंखों का स्राव आंखों से आंसू के अलावा तरल पदार्थ या अन्य पदार्थों का स्राव है। आँखों से स्राव कई प्रकार की स्थितियों के कारण हो सकता है जो सीधे आँखों को प्रभावित करती हैं या ऐसी स्थितियाँ जो पूरे शरीर को प्रभावित करती हैं, जैसे कि सामान्य सर्दी। आंखों का स्राव आमतौर पर एलर्जी या संक्रमण के कारण होता है। हालांकि आंखों से स्राव होने के अधिकांश कारण महत्वपूर्ण नहीं होते हैं, अगर आपको क्रोनिक या अत्यधिक नेत्र स्राव है, जैसे कि ऐसा स्राव जिससे आपकी आंखें खोलना मुश्किल हो जाता है| ज्यादातर…
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नेत्र-रोगों से रक्षा

नेत्र रोगों से रक्षा  तिल के ताजे 5 फूल प्रतिदिन प्रात:काल 10 दिन तक निगलें, तो पूरे वर्ष आँखें नहीं दुखेंगी | चैत्र के महीने में प्रतिवर्ष ‘गोरखमुण्डी’ के 5 या 7 ताजे फूल चबाकर पानी के साथ खाने से आँखों की ज्योति बढ़ती है | एक सप्ताह के बच्चे को बेलगिरी के बीच की मिंगी शहद में मिलाकर चटाने से जीवनभर आँखें नहीं दुखतीं | नीबू का एक बूँद रस महीने में एक बार आँखों में डालने से कभी आँखे नहीं दुखतीं | उपचार  देवदारु के चूर्ण को बकरी के मूत्र की भावना देकर, घी के साथ लेने से…
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नेत्र-रोग-नाशक उपाय 

                                                        नेत्र रोग नाशक उपाए         कारण खुले स्थान में अधिक देर तक स्नान करना, सूक्ष्म और दूर की वस्तु को बहुत देर तक देखना, रात में जागना और दिन में सोना, आँखों में धूल, धुँआ और मिट्टी पड़ जाना, धूप में गरम हुए पानी से मुँह धोना, पौष्टिक खाद्य का अभाव, चाय और वनस्पति-घी का उपयोग अधिक करना आदि कारणों से नेत्रों के रोग उत्पन्न होते हैं|      …
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नेत्र-ज्योति

                          नेत्र ज्योति  निर्मली के बीजों को ठण्डे पानी में लगाने से ज्योति बढ़ती है | प्रतिदिन रसौत का अंजन लगाने से दृष्टि तेज होती है | कालीमिर्च 1 माशा, छिली हुई हल्दी 3 माशा, गीली हरड़ का छिलका 2 माशा लेकर, गुलाबजल या पानी में घोंटकर आँखों में लगाने से ज्योति बढ़ती है | चमेली के फूलों की डंडी और मिश्री समान भाग लेकर खरल करके आँखों में लगाने से ज्योति तीव्र होती है | लाल चन्दन घिसकर कनपटी और आँखों के ऊपर लेप करने से भी…
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नकसीर या नाक से खून बहना 

                                      नकसीर या नाक से खून बहना  दाख और अंगूर के रस की नस्य देने से नाक की नकसीर बन्द हो जाती है | नीम के पत्ते और अजवायन को बारीक पीसकर कनपटियों पर लेप करें, नकसीर नहीं चलेगी | अफीम और गोदरु के गोंद को समान भाग लेकर पानी में पीस लें | इसे सूँघने से नकसीर बन्द हो जाती है | सूखे आँवलों को पानी में भिगो दें, नरम होने पर पीसकर टिकिया बना लें | इसे सिर के तालु…
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वमन (कै या उल्टी)

  वमन (कै या उल्टी) तीन माशा कुटकी के चूर्ण को 6 माशा शहद में मिलाकर खाने से उल्टी होना रुक जाता है | पानी में जायफल घिसकर पीने से वमन बन्द हो जाती है | मुलहठी तथा लालचन्दन दूध में घिसकर पीने से वमन होना रुक जाता है | कालानमक, सफेदजीरा, मिश्री तथा कालीमिर्च को बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें | इस 2-3 माशा चूर्ण को शहद में मिलाकर चाटने से हर प्रकार की उल्टियाँ बन्द हो जाती है | सूखी मौलश्री की छाल आग में जलाकर एक गिलास पानी में डाल दें | यह पानी छानकर…
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सूजन

सूजन ढाक के गोंद को पानी में गलाकर लेप करने से चोट की सूजन ठीक हो जाती है | एलुए को चुने के पानी के साथ या गरम पानी के साथ पीसकर लेप करने से चोट और मोच की सूजन मिट जाती है | अफीम और अंडे की सफेदी मिलाकर लेप करने से हर तरह की सूजन मिट जाती है | अनार का छिलका और छुहारा को एक साथ पीसकर लेप करने से सूजन ठीक हो जाती है |      
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